Sandhi Viched PDF- संधि विक्षेद in hindi – संधि का क्या अर्थ है ? – दो वर्णों या अक्षरों के मिलने पर होने वाले परिवर्तन को संधि कहते हैं|
Sandhi ki Paribhasha – संधि की परिभाषा क्या है?- जब दो वर्ण पास – पास होते है तो व्याकरण के नियमानुसार उनके मेल से होने वाले विकार को संधि कहते है|
- Hindi Grammar PDF 2022 : Hindi Vyakaran PDF Download
- Swar and Vyanjan (स्वर और व्यंजन) हिंदी व्याकरण- Vowels and Consonants
संधि के उदाहरण क्या – क्या है? Sandhi ke Udaharan PDF
- विधा + आलय = विद्यालय
- जगत + ईश = जगदीश
- यश: + दा = यशोदा
- हिम + आलय = हिमालय
- सत् + आनंद = सदानंद
- यथा + उचित = यथोचित
- अखि + ईश्वर = अखिलेश्वर
संधि विक्षेद के भेद (Sandhi ke Bhed) – संधि के क्या-क्या भेद है?
परस्पर मिलने वाले वर्ण स्वर, व्यंजन और विसर्ग होते हैं, अतः इनके आधार पर ही संधि तीन प्रकार के होते है-
- स्वर संधि (Vowel Sandhi)
- व्यंजन संधि (Combination of Consonants)
- विसर्ग संधि (Combination of Visarga )
(Sandhi Viched PDF) स्वर संधि | Swar Sandhi PDF
दो स्वरों के मेल को स्वर संधि कहते है|
स्वर संधि के पाँच भेद होते है –
- दीर्घ संधि
- गुण संधि
- वृद्धि संधि
- यण संधि
- अयादी संधि
- दीर्घ स्वर संधि | Dirgh Swar Sandhi
जब दो सवर्ण या सजातीय, हस्व या दीर्घ, स्वरों का मेल होता है तो वे दीर्घ सवर्ण स्वर बन जाते है , इसे दीर्घ स्वर संधि कहते हैं |
दीर्घ स्वर संधि के नियम | Dirgh Swar Sandhi ke Niyam : दो सवर्ण स्वर मिलकर दीर्घ हो जाते है| यदि ‘अ’,’आ’,’इ’,’ई’,’उ’,’ऊ’ और ‘ऋ’ के बाद वे ही ह्स्व या दीर्घ स्वर आयें , तो दोनों मिलकर क्रमशः ‘आ’, ‘ई’, ‘ऊ’, ‘ऋ’ हो जाते है|
(Sandhi Viched PDF ) दीर्घ स्वर संधि के उदाहरण | Dirgh Swar Sandhi ke Udaharan :-
अ + अ = आ
अत्र + अभाव = अत्राभाव
कोण + अर्क = कोणार्क
अ + आ = आ
शिव + आलय = शिवालय
भोजन + आलय = भोजनालय
आ + अ = आ
विधा + अर्थी = विधार्थी
लज्जा + अभाव = लज्जाभाव
आ + आ = आ
विधा +आलय = विद्यालय
महा +आशय = महाशय
इ +इ = ई
गिरि + इन्द्र = गिरीन्द्र
कवि + इन्द्र = कवींद्र
ई + इ = ई
मही + इन्द्र =महिंद्र
इ + ई = ई
गिरि + ईश =गिरीश
हरि +ईश = हरीश
ई + ई = ई
सती + ईश = सतीश
नदी + ईश = नदीश
उ + उ = ऊ
भानु + उदय = भानूदय
ऊ + उ = ऊ
स्वयम्भू + उदय = स्वयम्भुदय
ऋ +ऋ =ऋ
पितृ + ऋण = पितृ
2. गुण संधि | Gun Sandhi
यदि अ, आ के उपरांत हस्व या दीर्घ इ, उ या ऋ हो तो क्रमशः ए,ओ तथा ‘अर’ हो जाता है |
- 9000+General Knowledge Question For SSC , RRB, Bank Exam PDF Download
- IBPS, SBI Clerk, Bank Po Exam 2022 ke liye Taiyari Kaise Kare !!
गुण संधि के उदहारण | Gun Sandhi ke Udharan
अ + इ = ए
देव +इंद्र =देविंद्र
अ + ई = ए
देव + ईश =देवेश
आ + इ = ए
महा + इन्द्र = महेन्द्र
अ + उ = ओ
चन्द्र + उदय + चंद्रोदय
अ + ऊ = ओ
समुद्र + उर्मि = समुद्रोर्मी
आ + उ = ओ
महा + उत्स्व = महोत्स्व
आ + ऊ = ओ
गंगा + उर्मि = गंगोर्मी
अ + ऋ = अर
देव + ऋषि = देवर्षि
आ + ऋ = अर
महा + ऋषि = महर्षि
3. वृद्धि संधि | Vridhi Sandhi
अ या आ के बाद यदि ए, ऐ होँ तो इनके स्थान पर ‘ऐ’ तथा अ, आ के बाद ओ, औ होँ तो इनके स्थान पर ‘औ’ हो जाता है। ‘ऐ’ तथा ‘औ’ स्वर ‘वृद्धि स्वर’ कहलाते हैँ अतः इस संधि को वृद्धि संधि कहते हैँ।
- हिंदी के प्रसिद्ध कवि एवं उनकी रचनाएं और परीक्षा में पूछे गए प्रश्न PDF Download
- India and World 1000 Gk Question and Answer PDF download
वृद्धि संधि के उदाहरण |Vridhi Sandhi ke Udaharan
अ + ए = ऐ
एक + एक = एकैक
अ + ऐ = ऐ
नव + ऐश्वर्य = नवैश्र्वर्य
आ + ए = ऐ
महा + ऐश्वर्य = महैश्वर्य
सदा + एव = सदैव
अ + ओ = औ
परम + ओजस्वी = परमौजस्वी
वन + औषध = परमौषध
आ + ओ = औ
महा + ओजस्वी = महोजस्वी
आ + औ = औ
महा +औषध = महोषध
4. यण संधि |Yn Sandhi
जब हृस्व इ, उ, ऋ या दीर्घ ई, ऊ, ॠ के बाद कोई असमान स्वर आये, तो इ, ई के स्थान पर ‘य्’ तथा उ, ऊ के स्थान पर ‘व्’ और ऋ, ॠ के स्थान पर ‘र्’ हो जाता है। इसे यण् संधि कहते हैँ।
यहाँ यह ध्यातव्य है कि इ/ई या उ/ऊ स्वर तो ‘य्’ या ‘व्’ मेँ बदल जाते हैँ किँतु जिस व्यंजन के ये स्वर लगे होते हैँ, वह संधि होने पर स्वर–रहित हो जाता है। जैसे– अभि+अर्थी = अभ्यार्थी, तनु+अंगी = तन्वंगी। यहाँ अभ्यर्थी मेँ ‘य्’ के पहले ‘भ्’ तथा तन्वंगी मेँ ‘व्’ के पहले ‘न्’ स्वर–रहित हैँ। प्रायः य्, व्, र् से पहले स्वर–रहित व्यंजन का होना यण् संधि की पहचान है।
यण संधि के उदाहरण | Yn Sandhi ke udaharan
इ + अ = य
यदि + अपि = यद्धपि
इ + आ = या
अति + अवश्यक = अत्यावश्यक
इ + उ = यु
अति + उत्तम = अत्युत्तम
इ + ऊ = यू
अति + उष्म = अत्युष्म
उ + अ = व
अनु + आय = अन्वय
उ + आ = वा
मधु + आलय = मद्वालय
उ + ओ = वो
गुरु + ओदन = गुवोदन
उ + इ = वि
अनु + इत = अन्वित
अयादी संधि | Ayadi Sandhi
ए, ऐ, ओ, औ के बाद यदि कोई असमान स्वर हो, तो ‘ए’ का ‘अय्’, ‘ऐ’ का ‘आय्’, ‘ओ’ का ‘अव्’ तथा ‘औ’ का ‘आव्’ हो जाता है। इसे अयादि संधि कहते हैँ।
अयादी संधि के उदाहरण | Ayadi Sandhi ke Udaharan